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आजकल अधिकतर सुनने में आ रहा है कि बुखार से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का काठा पिलाएँ। आखिर गिलोय कौन सा पौधा है, कहाँँ पाया जाता है, किन किन रोगों में कारगर होता है इसका वर्णन इस लेख के माध्यम से करने का प्रयास किया जा रहा है गिलोय के फायदे गिलोय के अन्य नाम:- गिलोय को गुडूच, अमृतगिलोय , गुडुची आदि नामों से भी जाना जाता है इसे मराठी में गलों कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया तथा यह मनीस्प्रमेसी कुल के अंतर्गत आते है। गिलोय को दिव्य औषधि माना जाता है। गिलोय का प्राकृतिक आवास:- गिलोय की पत्तियां हृदय के आकार की होती है तथा देखने में पान के पत्ते की तरह लगती है। इसका पौधा लता के रूप में होता है जो कि भारत, म्यामार व श्रीलंका में भरपूर मात्रा में जंगली रूप में उगता हुआ देखा जा सकता है। इसकी पत्तियां 10 से 20 सेंटीमीटर लंबी तथा 8 से 15 सेंटीमीटर चौड़ी होती है। गिलोय की लताएं जंगलों पहाड़ों खेतों की मेड़ों चट्टानों आदि स्थानों पर पाई जाती है। इसकी लताएं वृद्धि के लिए दूसरे वृक्षों
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